Wednesday, October 23, 2013

निर्गम उपकरण

निर्गम उपकरण 


। निर्गम उपकरण से तात्पर्य ऐसे उपकरणों से होता है जो कि किसी संगणना के परिणामों को निर्गम तक पहुंचाते हैं । ये परिणाम दृश्य प्रदर्शन इकाई द्वारा दिखलाये जा सकते हैं, प्रिन्टर द्वारा मुद्रित कराये जा सकते हैं, चुम्बकीय माध्यमों पर संग्रहित किये जा सकते हैं अथवा अन्य किसी विधि द्वारा यह निर्गम प्राप्त किये जा सकते हैं ।
एक कम्प्यूटर प्रणाली के विभिन्न अवयवों में कई उपकरण जो कि चुम्बकीय सिद्धान्तों पर कार्य करते हैं कम्प्यूटर में आंकड़ों के आगम एवं निर्गम दोनों ही उपयोगों हेतु प्रयोग किये जाते हैं निर्गम युक्तियाँ दो प्रकार की होती है
1. हार्ड कॉपी युक्तियाँ-यह वह युक्तियाँ हैं जिससे हम कागज पर आउटपुट प्राप्त कर सकते हैं । जैसे प्रिन्टर, प्लॉटर
2. सॉफ्ट कॉपी युक्तियाँ-यह वह युक्तियाँ हैं जिससे हम सिस्टम पर अस्थाई रूप में आउटपुट प्राप्त कर सकते हैं जैसे मॉनिटर, L.C.D

मुद्रण यन्त्र
मुद्रण यन्त्रों से तात्पर्य एक ऐसी प्रणाली से होता है जिसमें कि कम्प्यूटर द्वारा प्राप्त परिणामों को कागज के ऊपर छाप कर स्थायी रूप से उपयोगकर्ता को प्रस्तुत किया जाता है । इस पद्धति द्वारा प्राप्त परिणाम कागज पर मुद्रित होने के कारण स्थायी रूप से प्राप्त होते हैं जो कि मानव द्वारा पठनीय होते हैं मुद्रण यन्त्र कम्प्यूटर से परिणामों को विद्युत तरंगों के रूप में प्राप्त करता है एवं उन्हें कूट संकेत के अनुसार अक्षरों में परिवर्तित करके कागज पर छाप देते हैं । यह छापने की प्रक्रिया मुद्रण यन्त्र के प्रकार एवं उसमें उपयोग की जाने वाली तकनीक के अनुसार सम्पन्न होती है ।
1. समघात मुद्रण यन्त्र
ऐसे मुद्रण यन्त्र जिनमें कि अक्षर को मुद्रित कराने हेतु किसी ऐसी तकनीक का प्रयोग किया जाता है जिसमें कि अक्षर को कागज पर छापने के लिये अक्षर एवं कागज के मध्य स्याही युक्त फीते का इस्तेमाल किया जाता है एवं कागज पर उस अक्षर की आकृति उभारने हेतु किसी विधि से अक्षर पर पीछे की ओर से प्रहार किया जाता है, समघात मुद्रण यन्त्र कहलाते हैं ।
2. असमघात मुद्रण यन्त्र
इनमें उपरोक्त अन्य मुद्रण यन्त्रों की भांति किसी हथौड़े इत्यादि की तकनीक का उपयोग नहीं किया जाता है । इसमें डॉट मैट्रिक्स मुद्रण यन्त्र की भाँति छोटी-छोटी पिनें नहीं होतीं बल्कि पिनों के स्थान पर छोटे-छोटे विभिन्न नोजल लगे होते हैं जिनसे कि कम्प्यूटर से प्राप्त संकेतों के अनुसार स्याही की पतली विभिन्न धारायें छूटती हैं जो कि आपस में मिलकर वांछित अक्षर की आकृति बना देती हैं ।
ग्राफ प्लॉटर
ग्राफ प्लॉटर कम्प्यूटर निर्गम की एक ऐसी इकाई होती है जिसके द्वारा ग्राफों तथा डिजाइनों की स्थायी प्रतिलिपि प्राप्त कर सकते हैं । कम्प्यूटर निर्गम हेतु अन्य प्रयुक्त की जाने वाली विधियाँ जिनमें कि निर्गम स्थायी प्रतिलिपि के रूप में प्राप्त होता है । ग्राफ, डिजाइनों एवं अन्य आकृतियों को एकदम सही तरीके से नहीं छाप सकती । अर्थात यदि हमें निर्गम के रूप में स्पष्ट एवं उचित आकृतियों की आवश्यकता हो तो इस यन्त्र का उपयोग किया जाता है । इससे काफी उच्च कोटि की परिशुद्धता प्राप्त की जा सकती है । यह एक इन्च के हजारवें भाग के बराबर बिन्दु को भी छाप सकता है ।

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